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Water Cement Ratio (जल - सीमेंट अनुपात) क्या हैं?


Water Cement Ratio (जल - सीमेंट अनुपात) क्या हैं?

नमस्कार दोस्तों The Civil Construction   के इस नये आर्टिकल  में आपका स्वागत करता हूँ।
जो कि Water Cement Ratio के बारे में है

 हमारे इस आर्टिकल का हिस्सा बनने के लिए  मैं  Akash आपका आभार प्रकट करता हूँ
आज हम Water Cement Ratio(जल - सीमेंट अनुपात) के बारे में बात
 करने वाले है

 प्रो० अब्राम ( Abram D . A ) ने 1919 में अनुसंधानों के आधार पर इस धारणा को ,
 कि कंक्रीट की सामर्थ्य केवल सीमेंट की मात्रा पर निर्भर करती है , गलत सिद्ध किया
 उसने बताया कि समान कंक्रीट संघटकों समान परीक्षण स्थितियों में कंक्रीट की सामर्थ्य केवल इस में प्रयुक्त जल की मात्रा पर निर्भर करती है , बशर्ते कंक्रीट सुघट्य सुकरता की सीमा में बनी रहे।
जल की मात्रा सीमेंट के भार के अनुपात में व्यक्त की गयी

       प्रो० अब्राम के अनुसार , जब हम कंक्रीट को सामर्थ्यवान बनाने के लिये , इसमें अधिक सीमेंट डालते हैं , तो वास्तव में हम जल सीमेंट अनुपात घटा रहे हैं
 कंक्रीट की सामर्थ्य का पानी की मात्रा से गहरा सम्बन्ध है सीमेंट की जलयोजन क्रिया के लिये ,जल की एक निश्चित मात्रा की आवश्यकता पड़ती है जल की मात्रा कम होने पर कंक्रीट सख्त (Harsh) बनेगी , जिससे यह सुकर नहीं रहेगी जल की मात्रा अधिक होने पर , कंक्रीट में पृथक्करण ( Segregation ) उत्स्रवण ( Bleeding ) होने लगता है


परिभाषा :-
 कंक्रीट मिश्रण में भार के अनुसार जल सीमेंट का अनुपात , जल - सीमेंट अनुपात कहलाता है , अर्थात्


 जल : सीमेंट अनुपात ( W / C Ratio )
                                 
                         =जल का भार/सीमेंट का भार
                        =Wt .of Water/Wt . of Cement

 जल सीमेंट अनुपात को कंक्रीट में पानी की मात्रा भी कहते हैं

स्पष्टीकरण :-

यदि जल : सीमेंट अनुपात 0 . 4 रखा गया है तो इसका अर्थ है एक बोरा  सीमेंट ( 50 kg ) में 50 x 0 . 4 = 20 लीटर पानी मिलाया जायेगा ( 1 kg पानी = 1 लीटर )
  उपरोक्त जल की मात्रा में, मिलावे में विद्यमान नमी (Moisture) सम्मिलित नहीं है
 मिलावे में उपस्थित नमी को दृष्टि में रखते हुए , जल - सीमेंट अनुपात का मान संशोधित किया जाता है

जल - सीमेट अनुपात नियम ( Water - Cement Ratio Law ) :

 जैसा ऊपर बताया गया है , कंक्रीट की सामर्थ्य जल - सीमेंट अनुपात से नियन्त्रित होती है
 इस सम्बन्ध में प्रो० अब्राम ने सन् 1919 में परीक्षणों के आधार पर निम्न नियम स्थापित किया "निर्दोष मिलावे से बनायी गयी भली - भाँति कूटी गयी कंक्रीट की सामर्थ्य    अन्य अभिलक्षणकेवल जल - सीमेंट अनुपात पर निर्भर
 करते हैं , बशर्ते कंक्रीट सुघट्य सुकर हो"


 उपरोक्त नियमानुसार कंक्रीट की सामर्थ्य निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात की जा सकती है
                                              
                                    P=984/4x

 जहाँ
  P = कंक्रीट की 28 दिन को तराई पर सम्पीडन सामर्थ्य ,Kg/cm²
  X = जल सीमेंट अनुपात


जल - सीमेंट अनुपात नियम  की  सीमायें
 ( Limitations of w / C Ratio Law ) :-

  प्रो०अब्राम के अनुसार कंक्रीट की सामर्थ्य  जल - सीमेट अनुपात पर निर्भर करती है और इन सीमेट अनुपात नियम तभी वैध माना जाता है जब
·         कंक्रीट के संघटक निर्दोष गुणवान हो
·         कंक्रीट की सुघट्यता , सुकार्यता की सीमा में हो
·         कंक्रीट की कुटाई तराई मानक स्थितियों में की गयी हो
·          
कंक्रीट की सामर्थ्य के विकास का स्वरूप जानने के लिये निम्न बातों का अध्ययन
आवश्यक है।

·         कंक्रीट की आन्तरिक नमी की जलयोजन क्रिया पर प्रभाव ,
·         तापक्रम का जलयोजन क्रिया पर प्रभाव ,
·         कंक्रीट की सामर्थ्य पर कुटाई का प्रभाव ,
·         कंक्रीट की सामर्थ्य पर आयु का प्रभाव ,
·         कंक्रीट की सामर्थ्य पर प्रतिदर्श की माप का प्रभाव


सावधानी:-
ध्यान रहे जल सीमेंट अनुपात नियम की जाँच करते समय प्रतिदर्श का आकार ,
 क्षेत्र या प्रयोगशाला स्थल पर परीक्षण की व्यवस्था , सुकार्यता , कुटाई , तराई आदि
 क्रियाये समान परिस्थितियों में सम्पन्न की जानी चाहिये

     दोस्तों आज के आर्टिकल में बस इतना ही आने वाले और भी आर्टिकल में
एक और नये के साथ हाजिर होऊंगा  
                
उम्मीद करता हु यह आर्टिकल आपसभी को अच्छा लगा होगा और आपने  बहुत सी जानकारी
भी प्राप्त की होगी
किसी भी सुझाव के लिए निचे दिए Comment Box में Comment करे और अधिक से अधिक शेयर करे

धन्यवाद,
                                                                                                              जय हिन्द

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